कविता

स्वागत है

आओ मां स्वागत है,
मेरे हृदय के मंदिर में,
मन मानसिक स्वागत है,
यह जीवन तुम्हारा है!

जन्मा जब मां बनकर,
तूने दी जीवनधारा है,
बड़ा किया फिर दुनियादारी में,
मां तू ने क्यों उलझाया है!

वेदों – पुराणों में वर्णित है,
यह संसार तुम्हारा है,
अबकी नवरात्रि में आकर,
मुझको दास मां तुझे बनाना है!

बहुत थक गया चलते चलते,
अब मां मुझे विश्राम दिलाना है,
मेरे मन मंदिर में माता शैलपुत्री,
भक्ति की ज्योति तुम्हें जलाना है!

आके बसो मेरे हृदय में,
अपनी भक्ति तुमको मुझे देना है,
सारे दुर्गुण मेरे दूर करो मां,
तुम्हें मुझे कर्ज से मुक्ति दिलाना है!

सिद्धिदात्री बनकर माता,
मेरे अच्छे काम सिद्ध कर देना है,
मां मैं विनती करता हूं,
विश्व में भाईचारा तुम्हें बनाना है!!

— डॉ. सतीश “बब्बा”

सतीश बब्बा

पूरा नाम - सतीश चन्द्र मिश्र माता - स्व. श्रीमती मुन्नी देवी मिश्रा पिता - स्व0 श्री जागेश्वर प्रसाद मिश्र जन्मतिथि - 08 - 07 - 1962 शिक्षा - बी. ए. ( शास्त्री ) पत्रकारिता में डिप्लोमा, कहानी लेखन एवं पत्रकारिता में डिप्लोमा। संप्रति - विभिन्न पत्र पत्रिकाओं, संकलन में 1985 से लगातार प्रकाशित, तिब्बती पत्रिकाओं में प्रकाशित और भारत तिब्बत मैत्री संघ का सदस्य, संरक्षक भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महा संघ उ प्र। साहित्य केशरी आदि लगभग 1500 से अधिक साहित्य सम्मानों से सम्मानित प्रकाशित :- कविता संग्रह "साँझ की संझबाती" मोबाइल ऐप्स में प्रकाशित लघुकथा / कहानी संकलन "ठण्ड की तपन" और कहानी संकलन "सुदामा कलयुग का" प्रकाशित, अमाजोन आदि पर उपलब्ध! पता - ग्राम + पोस्टाफिस = कोबरा, जिला - चित्रकूट, उत्तर - प्रदेश, पिनकोड - 210208. मोबाइल - 9451048508, 9369255051. ई मेल - [email protected]