इतिहास

रतन टाटा की अर्थ पूर्ण विरासत, हमें क्या प्रेरणा देती है?

रतन टाटा जैसे महान व्यक्तित्व के बारे में कहने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। उनका जीवन एक आदर्श उदाहरण है जो हमें सिखाता है कि कैसे एक साधारण व्यक्ति भी अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से महान ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।रत्न टाटा का जीवन एक प्रेरणा है।
। जो हमें सिखाता है:
1. मेहनत और दृढ़ संकल्प की महत्ता,
2. नैतिकता और सादगी की महत्ता,
3. समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना,
4. नवाचार और उद्यमिता की महत्ता,
उनकी मृत्यु हमें याद दिलाती है कि जीवन की सच्चाई मृत्यु है, और यह कि हमें अपने जीवन को सकारात्मक और अर्थपूर्ण बनाने के लिए काम करना चाहिए कविता की पंक्तियाँ बहुत ही सुंदर हैं,
“अंत तो ये ही है नियति है, मृत्यु,
जीवन की सच्चाई सिर्फ मौत है, बस,,,,,,,”
यह पंक्तियाँ हमें जीवन की सच्चाई की याद दिलाती हैं और हमें अपने जीवन को सकारात्मक और अर्थपूर्ण बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।
यह जीवन की एक सच्चाई है कि जिसने जन्म लिया है, उसे मरना ही होगा। यह एक निश्चित और अपरिहार्य सत्य है जो सभी जीवों पर लागू होता है।
इसे हमारे धर्मग्रंथों में भी कहा गया है:
“जन्म लिया तो मरना ही होगा,
यह जीवन की एक सच्चाई होगी।”
यह सत्य हमें जीवन की कीमत और महत्ता को समझने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अपने जीवन को सकारात्मक और अर्थपूर्ण बनाने के लिए प्रेरित करता है, और हमें अपने समय का सही उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
“जिसने जन्म लिया उसको मरना ही होगा”
यह एक सच्चाई है जो हमें जीवन की सच्चाई को समझने के लिए प्रेरित करती है।बिल्कुल सही  कहा गया कि, सच्ची दौलत नहीं है पैसा या संपत्ति, बल्कि आपके विचार, आचार, किए काम और व्यवहार ही आपकी सच्ची दौलत है।
यह दौलत ही है जो मृत्यु के पश्चात भी आपकी यादें और आपके द्वारा किए गए कामों के माध्यम से लोगों को सुख पहुंचाती रहती है। यह आपकी विरासत है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत होती है।
जैसा कि विदित है,
“कितना भी पैसा कमा लो ये दौलत नहीं है,
आपके विचार आचार आपके किए काम आपका व्यवहार ही आपकी सच्ची दौलत है”
यह सच्चाई है जो हमें अपने जीवन को सकारात्मक और अर्थपूर्ण बनाने के लिए प्रेरित करती है।
और  कविता की पंक्तियाँ भी बहुत ही सुंदर हैं:
“क्या तेरा क्या मेरा ,,,
ही जीवन मृत्यु तेरा सवेरा ,,,”
यह पंक्तियाँ हमें जीवन की सच्चाई की याद दिलाती हैं।
जीवन और मृत्यु दोनों जीवन के अभिन्न अंग हैं।
जीवन मृत्यु पर कुछ विचार,
1. मृत्यु जीवन की एक सच्चाई है।
2. जीवन की कीमत और महत्ता को समझने के लिए मृत्यु एक प्रेरणा है।
3. मृत्यु हमें अपने जीवन को सकारात्मक और अर्थपूर्ण बनाने के लिए प्रेरित करती है।
4. जीवन में किए गए काम और व्यवहार ही हमारी विरासत होते हैं।
5. मृत्यु के पश्चात भी हमारी यादें और काम लोगों को सुख पहुंचाते रहते हैं।
कुछ कविता की पंक्तियाँ।
“जीवन की सच्चाई मृत्यु है,
पर यही सच्चाई जीवन को अर्थपूर्ण बनाती है।”
“मृत्यु भी नहीं है अंत,
बल्कि यह एक नया आरंभ है।”
“जीवन में किए काम,
ही हमारी विरासत होते हैं।”
“मृत्यु के पश्चात भी,
हमारी यादें लोगों को सुख पहुंचाती रहती हैं।”
इन विचारों और कविता पंक्तियों से हमें जीवन और मृत्यु की सच्चाई को समझने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
रतन टाटा के निधन ने हमें जीवन की सच्चाई का एहसास कराया है। उनकी  जीवन की यात्रा या उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि पैसा, पद, और शक्ति से जीवन की अनंतता और मृत्यु को नहीं रोका जा सकता।
रतन टाटा की जीवन यात्रा हमें कई सबक सिखाती है,
1. जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है।
2. पैसा और शक्ति से जीवन की अनंतता नहीं खरीदी जा सकती।
3. बुढ़ापे और मृत्यु जीवन की अनिवार्य सच्चाई हैं।
4. जीवन में अर्थ और उद्देश्य की तलाश महत्वपूर्ण है।
5. दूसरों की सेवा और समाज के लिए काम करना जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है।
रतन टाटा की विरासत हमें प्रेरित करती है कि हम अपने जीवन को सकारात्मक तरीके से जिएं और दूसरों के लिए कुछ अच्छा करें।

— डॉ. मुश्ताक अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,