गतिमान चित्र है जीवन
कई चित्र मानस पटल पर
गतिमान होती हैं निरंतर
जाल है वह रंग – बिरंगे का
उत्सुक, उद्वेलित करती हैं
संकल्प – विकल्पों के बीच
आशा – निराशाओं के आगार
उलझनों से मुक्त आकाश हो जहां
स्मृतियों के आवरण में अनुभव
मनुष्य के लिए एक दिशा है
कभी उतार है तो कभी चढ़ाव
अनुभव एक संचयन है, एक सार है
निर्णय का आधार बनता है वह
कलाकार के हाथों में ये चित्र
रूप बनती हैं, दिशा देती हैं
आसान नहीं है सबको चित्र उतारना
एक रूप देकर जीवनदान देना
जो चित्रों में वास करना जानता है
कला की उपासना उसी में होती है
रंगों में सींचकर रूप देता है वह
कविता, कहानी, लेख, तस्वीर
चलती हैं, हिलाती हैं, रूलाती हैं,
देती हैं शक्ति जन – जन को
अपने जीवन में कदम लेने का।