देखभाल
देखभाल
“भाभी, मम्मी-पापा की अच्छे से देखभाल करना। वे बहुत ही सीधे-सादे हैं। कभी कुछ बोलते नहीं हैं। इसलिए प्लीज़, उन्हें कभी किसी चीज की कमी होने मत देना।” भाई की शादी के बाद मायके से विदा होते समय नेहा ने अपनी नई नवेली भाभी कहा।
“दीदी आप निश्चिंत रहिए। मैं मम्मी-पापा की देखभाल आपसे भी बेहतर तरीके से करुंँगी। आप अपनी और अपने परिवार वालों की ख्याल रखिएगा।” भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा।
सुनकर नेहा की अंतरात्मा कांप उठी। वह पति के साथ कार में बैठते ही बोली, “सुनिए जी। मुझे माफ़ कर दीजिए। मैंने बहुत परेशान किया आपको और मम्मी-पापा को भी। मैं मम्मी-पापा से भी माफी मांग कर उन्हें घर ले आऊँगी। प्लीज, आप मुझे वृद्धाश्रम ले चलिए। आज ही बल्कि अभी।”
कुछ ही देर बाद नेहा अपने सास-ससुर के साथ घर में प्रवेश कर रही थी।
- डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़