कविता

तुमसे मेरा जीवन

इन सुंदर प्रेम लफ्जों में पिरोदूं तुम्हें,
“आनंद” संगीत सुमधुर गुनगुनाऊं,
तुम्हारे चाहत की सच्ची प्रीत पिया,
ये प्यारा बंधन खुशी से मैं निभाऊं ।

कभी रूठ गए जो तुम गर मुझसे,
प्यार के मीठे-मीठे बोल सुनाऊं,
तुमसे ही है मेरा जीवन जगमग,
तुम्हें इसका प्यारा एहसास कराऊं ।

तुम्हारे गमों में सहभागी बन हरदम,
हिम्मत और हौसला दे कदम बढ़ाऊं,
जिंदादिली से अपनी जीवन बगिया का,
हर कोना इन्द्रधनुषी रंगों से सजाऊं ।

हाथों में तुम्हारा हाथ थाम पिया जी,
जीवन का सुख-दुख संग जीती जाऊं,
सज-धज सोलह साज श्रृंगार मनोहर,
घर आंगन ढेरों खुशियां नित बिखराऊं ।

ईश्वर से तुम्हारे मंगल की करूं प्रार्थना,
दुनिया की बुरी नजरों से सदा बचाऊं,
व्रत, उपवास करूं चितमन से मैं सारे,
तुम्हारी जीवनसंगिनी प्रियतमा कहलाऊं ।

— मोनिका डागा “आनंद”

मोनिका डागा 'आनंद'

चेन्नई, तमिलनाडु

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