कविता

तेरी याद बहुत आती है

ओ मेरी मां,
तेरी याद बहुत आती है,
आशा दूर तलक,
साथ नहीं निभाती है!

है नहीं कोई,
जो पूछे मुझसे,
कहां जा रहा है,
बापू से बताती हूं!

ढेर सारे उलाहने,
चार गालियों में,
मेरी चिंता दूर कर दे,
गुस्से में भी प्यार दे!

सच कहता हूं मां,
तेरी याद बहुत आती है,
मेरी आंखें भर आती हैं,
जाने मां क्यों चली जाती है!

याद करता हूं,
तेरे आंचल में बंधा,
छोर लेता था दो आना,
पाव भर जलेवी खाना!

तू तो कहती थी,
बहू तुझे खिलौना लाई हूं,
वह खिलौना भी टूट गया,
अब तो रब रूठ गया!!

— डॉ. सतीश बब्बा

सतीश बब्बा

पूरा नाम - सतीश चन्द्र मिश्र माता - स्व. श्रीमती मुन्नी देवी मिश्रा पिता - स्व0 श्री जागेश्वर प्रसाद मिश्र जन्मतिथि - 08 - 07 - 1962 शिक्षा - बी. ए. ( शास्त्री ) पत्रकारिता में डिप्लोमा, कहानी लेखन एवं पत्रकारिता में डिप्लोमा। संप्रति - विभिन्न पत्र पत्रिकाओं, संकलन में 1985 से लगातार प्रकाशित, तिब्बती पत्रिकाओं में प्रकाशित और भारत तिब्बत मैत्री संघ का सदस्य, संरक्षक भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महा संघ उ प्र। साहित्य केशरी आदि लगभग 1500 से अधिक साहित्य सम्मानों से सम्मानित प्रकाशित :- कविता संग्रह "साँझ की संझबाती" मोबाइल ऐप्स में प्रकाशित लघुकथा / कहानी संकलन "ठण्ड की तपन" और कहानी संकलन "सुदामा कलयुग का" प्रकाशित, अमाजोन आदि पर उपलब्ध! पता - ग्राम + पोस्टाफिस = कोबरा, जिला - चित्रकूट, उत्तर - प्रदेश, पिनकोड - 210208. मोबाइल - 9451048508, 9369255051. ई मेल - [email protected]

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