मुक्तक/दोहा

आशीष कवच

कृपा छत्र माता का, जिसके सिर पर साया।

मिला प्यार माता का, भाग्य पुष्प महकाया।

अमृत कलश ले माता, जीवन धारा सींचे~

जननी के चरणों में, आशीष कवच पाया।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८