ठी जो आंख भारत पर
उठी जो आंख भारत पर, उसे इतना गिरा देना।
चिरागों से नहीं डरते, मशालें हम, सुना देना।
सुहागिन हो गई विधवा, किया जो पाप रे तुम ने,
वही अब खून के बदले, कमीनें को सजा देना।
बनी है सॉफिया लक्ष्मी, बनी है व्योमिका चंडी,
यही ताकत है भारत की, जा दुश्मन को बता देना।
बहुत ही बार आतंकी, मचाता देश में दहशत,
बचेगा अब कहाँ हम से, उसे जिंदा जला देना।
चला सिंदूर ऑप्रेशन, ठिकाना ढूंढ कर तेरा,
ख़ुराफ़ाती ऐ* पाकिस्तान, हद से है मिटा देना।
मिसाइल दाग दुश्मन पर, किया जो काम सेना नें,
मसीहा शांति के हम हैं, सभी को यह जता देना।
अमन के हम पुजारी हैं, सभी से प्रेम हम करते,
नहीं आदत हमारी है, किसी को यूँ दगा देना।
— शिव सन्याल