गीतिका/ग़ज़ल

ठी जो आंख भारत पर

उठी जो आंख भारत पर, उसे इतना गिरा देना।
चिरागों से नहीं डरते, मशालें हम, सुना देना।

सुहागिन हो ग‌ई विधवा, किया जो पाप रे तुम ने,
वही अब खून के बदले, कमीनें को सजा देना।

बनी है सॉफिया लक्ष्मी, बनी है व्योमिका चंडी,
यही ताकत है भारत की, जा दुश्मन को बता देना।

बहुत ही बार आतंकी, मचाता देश में दहशत,
बचेगा अब कहाँ हम से, उसे जिंदा जला देना।

चला सिंदूर ऑप्रेशन‌, ठिकाना ढूंढ कर तेरा,
ख़ुराफ़ाती ऐ* पाकिस्तान, हद से है मिटा देना।

मिसाइल दाग दुश्मन पर, किया जो काम सेना नें,
मसीहा शांति के हम हैं, सभी को यह जता देना।

अमन के हम पुजारी हैं, सभी से प्रेम हम करते,
नहीं आदत हमारी है, किसी को यूँ दगा देना।

— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. [email protected] M.no. 9418063995

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