शिक्षा एवं व्यवसाय

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आज का युवा, करियर की संभावनाएं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज भारत सहित पूरी दुनिया में तकनीकी क्रांति ला रहा है। यह सिर्फ IT सेक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि हेल्थकेयर, एजुकेशन, मैन्युफैक्चरिंग, एग्रीकल्चर, बिजनेस आदि हर क्षेत्र में अपनी जगह बना चुका है। AI के बढ़ते इस्तेमाल से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तेजी से खुल रहे हैं।
AI में युवाओं के लिए कई आकर्षक और उच्च वेतन वाले करियर ऑप्शन उपलब्ध हैं, जैसे:
डेटा साइंटिस्ट
मशीन लर्निंग इंजीनियर
बिजनेस इंटेलिजेंस डेवलपर
AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर
डेटा एनालिस्ट
रोबोटिक्स इंजीनियर
AI रिसर्च साइंटिस्ट
AI एथिक्स ऑफिसर
इनमें से कई प्रोफाइल्स में शुरुआती सैलरी 50-60 हजार से लेकर 1 लाख रुपये प्रतिमाह या उससे अधिक हो सकती है, खासकर मल्टीनेशनल कंपनियों में।
AI में करियर बनाने के लिए कंप्यूटर प्रोग्रामिंग (Python, R, Java), गणित, स्टैटिस्टिक्स, डेटा एनालिसिस, मशीन लर्निंग, और AI टूल्स की जानकारी जरूरी है। 12वीं के बाद AI, रोबोटिक्स या कंप्यूटर साइंस में डिग्री या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं।
भारत में डिजिटलाइजेशन, स्टार्टअप कल्चर, और विदेशी निवेश के कारण AI सेक्टर में नौकरियों की मांग तेजी से बढ़ रही है।रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाले 5-10 साल में AI से जुड़े क्षेत्रों में लाखों नई नौकरियां बनेंगी, खासकर IT हब्स जैसे बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे में।
हालांकि, ऑटोमेशन के कारण कुछ पारंपरिक नौकरियां कम हो सकती हैं, लेकिन AI, डेटा साइंस, और टेक्नोलॉजी में स्किल्ड युवाओं के लिए अवसर कई गुना बढ़ेंगे।
AI में करियर के लिए लगातार स्किल अपग्रेड करना जरूरी है।
स्किल गैप को कम करने के लिए कोर्स, इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट्स पर फोकस करें।
AI युवाओं के लिए एक सुनहरा भविष्य लेकर आ रहा है। जो युवा समय रहते AI और उससे जुड़े क्षेत्रों में स्किल्स हासिल करेंगे, उनके लिए करियर की संभावनाएं बहुत उज्ज्वल हैं।

— डॉ. मुश्ताक अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- dr.m.a.shaholo2@gmail.com , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,

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