लघुकथा

अनूठी झलक!

जीवन उतार-चढ़ाव का दूसरा नाम है. अक्सर हमें लगता है कि जीवन में उतार केवल मुसीबत के लिए आता है, लेकिन कभी-कभी वह ऐसी झलक दिखा जाता है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते.
हम बेटी के पास ऑस्ट्रेलिया गए हुए थे, बेटे की पोस्टिंग यू.ए.ई. में थी. पड़ोसियों की सूचना से पता लगा कि दिल्ली में हमारे घर चोरी हो गई थी. बेटी-दामाद ने तुरंत दिल्ली की बुकिंग करवा दी, बेटा भी आने वाला था.
“पापा, आप दिल्ली क्यों जा रहे हैं?” 5 साल के पोते ने पूछा.
“दादी-दादू के घर चोरी हो गई है, वो भी ऑस्ट्रेलिया से आ रहे हैं.”
“पापा, आप दादी-दादू से पहले पहुंच जाना, दादी-दादू बहुत टेंशन में होंगे.” पोते ने तुरंत कहा.
बेटे ने पहले से ही ऐसी बुकिंग करवा रखी थी, पर चोरी के #उतार ने संस्कारों के चढ़ाव की अनूठी झलक दिखा दी थी!

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

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