कविता

जब आँसू अपने हो जाते हैं

जीवन के इस सफ़र में,
हर मोड़ पर कोई न कोई साथ छोड़ देता है,
कभी उम्मीद, कभी लोग —
तो कभी ख़ुद अपनी ही परछाईं पीछे रह जाती है।

हर हार सिर्फ हार नहीं होती,
वो एक आईना होती है —
जिसमें हम देखते हैं अपना असली चेहरा,
बिना मुखौटे, बिना तालियों के शोर के।

जब आँखें भर आती हैं,
पर सामने कोई कंधा नहीं होता,
तो वही पल —
हमें भीतर से लौह बना देता है।

हम उसी दिन बड़े हो जाते हैं,
जिस दिन किसी और के नहीं,
अपने ही आँसू अपने हाथों से पोंछते हैं,
और कहते हैं —
“अब और नहीं, अब मैं रुकूँगा नहीं।”

क्योंकि आँसू जब बहते हैं,
तो या तो कमज़ोरी बनते हैं,
या बनते हैं प्रेरणा —
एक विराट ललकार की तरह!

जैसे मैदान पर
विराट कोहली गिरते हैं,
तो उठते भी हैं —
वो भी ऐसे कि गेंदबाज़ की साँसें थम जाती हैं।

वो सीख हैं —
कि हार में भी गरिमा हो सकती है,
और जीत — सिर झुकाकर भी मिल सकती है।

कोई स्टेडियम नहीं चीखता
जब आप चुपचाप दर्द सहते हैं,
पर जब आप फिर उठते हैं,
तो पूरी दुनिया आपको सलाम करती है।

— डॉ सत्यवान सौरभ

डॉ. सत्यवान सौरभ

✍ सत्यवान सौरभ, जन्म वर्ष- 1989 सम्प्रति: वेटरनरी इंस्पेक्टर, हरियाणा सरकार ईमेल: satywanverma333@gmail.com सम्पर्क: परी वाटिका, कौशल्या भवन , बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045 मोबाइल :9466526148,01255281381 *अंग्रेजी एवं हिंदी दोनों भाषाओँ में समान्तर लेखन....जन्म वर्ष- 1989 प्रकाशित पुस्तकें: यादें 2005 काव्य संग्रह ( मात्र 16 साल की उम्र में कक्षा 11th में पढ़ते हुए लिखा ), तितली है खामोश दोहा संग्रह प्रकाशनाधीन प्रकाशन- देश-विदेश की एक हज़ार से ज्यादा पत्र-पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशन ! प्रसारण: आकाशवाणी हिसार, रोहतक एवं कुरुक्षेत्र से , दूरदर्शन हिसार, चंडीगढ़ एवं जनता टीवी हरियाणा से समय-समय पर संपादन: प्रयास पाक्षिक सम्मान/ अवार्ड: 1 सर्वश्रेष्ठ निबंध लेखन पुरस्कार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी 2004 2 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड काव्य प्रतियोगिता प्रोत्साहन पुरस्कार 2005 3 अखिल भारतीय प्रजापति सभा पुरस्कार नागौर राजस्थान 2006 4 प्रेरणा पुरस्कार हिसार हरियाणा 2006 5 साहित्य साधक इलाहाबाद उत्तर प्रदेश 2007 6 राष्ट्र भाषा रत्न कप्तानगंज उत्तरप्रदेश 2008 7 अखिल भारतीय साहित्य परिषद पुरस्कार भिवानी हरियाणा 2015 8 आईपीएस मनुमुक्त मानव पुरस्कार 2019 9 इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ रिसर्च एंड रिव्यु में शोध आलेख प्रकाशित, डॉ कुसुम जैन ने सौरभ के लिखे ग्राम्य संस्कृति के आलेखों को बनाया आधार 2020 10 पिछले 20 सालों से सामाजिक कार्यों और जागरूकता से जुडी कई संस्थाओं और संगठनों में अलग-अलग पदों पर सेवा रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, (मो.) 9466526148 (वार्ता) (मो.) 7015375570 (वार्ता+वाट्स एप) 333,Pari Vatika, Kaushalya Bhawan, Barwa, Hisar-Bhiwani (Haryana)-127045 Contact- 9466526148, 01255281381 facebook - https://www.facebook.com/saty.verma333 twitter- https://twitter.com/SatyawanSaurabh

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