मुझे एल. ओ. पी. बनना है
आज दोपहर मित्र यमराज आया
बिना किसी सभ्यता के बार-बार द्वार खटखटाया,
भन्नाते हुए श्रीमती जी ने द्वार खोला
उन्हें देख बेचारे के तो तोते उड़ गए।
बड़े सलीके से उन्हें प्रणाम किया
मुझसे मिलने का प्रस्ताव दिया,
श्रीमती जी का पारा तो वैसे ही गर्म था
ज़वाब में लावा सा फूट पड़ा।
मिलो न, जी भरकर मिलो, गलबहियाँ डालो,
खुराफात करो, आग लगाओ, मेरा भी सुख चैन छीनो,
एक अकेला वो कम है
दोनों मिलकर मेरे सिर पर खूब चने भूनो।
बड़ा दुर्भाग्य है जो उसकी बीबी हूँ,
पर लगता है, मैं तेरी सौतन हूँ,
तेरे आने-जाने का कोई समय ही नहीं
कितना है गलत या कितना सही।
ऐसा कर तू उन्हें भी अपने साथ ले जा
तेरा भी आने-जाने का समय बचेगा
और मेरे सिर का बोझ भी हल्का होगा।
इतना सुनकर बेचारा चुपचाप सुनता रहा
और धीरे से मेरे पास आकर कहने लगा –
प्रभु! फिलहाल चलता हूँ,
जल्दी ही आकर मिलता हूँ।
तब तक आप कुछ जुगाड़ करो
और मेरे एल ओ पी बनने का मार्ग प्रशस्त करो।
अब मुझे भी एल ओ पी बनना है
मोदी जी की नाक में दम करना है,
राष्ट्र भक्ति के गीत गाना है,
दुश्मन देश का भारतीय पैरोकार बनना है।
वर्तमान एल ओ पी से कुछ नहीं होने वाला
यह बात आप दुनिया को समझाना और बताना,
यमलोक से आपका मित्र राजनीति में आने वाला है
मोदी जी की कुर्सी हिलाने वाला है
सीधे एल ओ पी बनकर संसद में जाने वाला है
राजनीति के क्षेत्र में है नया इतिहास बनाने वाला है,
कोई कुछ भी करे या न करें
पर अब ऐसा ही होने वाला है
राजनीति के क्षेत्र में भूचाल आने वाला है।