मृदु वाणी से मन-कमल खिले
मानव-तन मोक्ष का साधन है,
सदुपयोग इसका हम करें,
कोशिश हो तन-मन स्वस्थ रहे,
हम मानवता के कष्ट हरें।
है भाषा प्रेक्षण का साधन,
भाषा में #मृदुता जरूरी है,
भाषा हो ‘गर कटु-व्यंग्यभरी,
रिश्तों में बढ़ती दूरी है।
आनन्द जीवन में जरूरी है,
यह आनन्द खुद के बल पर हो,
दुःख देके किसी को खुश होना,
किंचित भी न होता ठीक अहो!
मृदु वाणी से मन-कमल खिले,
जीवन सुखमय हो जाता है,
यह मन्त्र अचूक सफलता का,
हर कार्य सिद्ध हो जाता है।
— लीला तिवानी