सौभाग्य का प्राकट्य
जन्म के साथ मरण नियत है,
आगमन के साथ है प्रस्थान,
प्रस्थान होगा जब दुर्भाग्य का,
भाग्य करेगा सौभाग्य का सम्मान!
सौभाग्य महज नियति का खेल नहीं,
बदला जा सकता है हाथ की लकीरों को,
संयोग से ही नहीं मेहनत से भी देखा है,
बनते राजा किस्मत के फकीरों को!
प्रेम-प्यार और स्नेहमय-स्यंदन,
दे सकते हमको नित्य नव स्पंदन,
इनमें कमी न आने पाए कभी भी,
बरसेंगे ये बन तब ही जीवन-घन।
जन्म के साथ मरण भले ही नियत हो,
आगमन के साथ हो नियत प्रस्थान,
प्राकट्य हो सकता परिश्रम-प्रतिभा से,
दुर्भाग्य का दमन, सौभाग्य का सम्मान!
— लीला तिवानी