लघुकथा

न जाने कौन!

कभी-कभी ऐसे चमत्कार हो जाते हैं कि, समझ में नहीं आता कि यह हुआ कैसे? प्रमिला के साथ ऐसा ही हुआ था. वह बेटे को समुद्र में स्टीमर की सैर कराने के लिए उसके साथ गई थी. तभी अचानक वह समुद्र में गिर गई. स्टीमर का चालक जब तक स्टीमर रोके-रोके, सफेद कपड़े पहने न जाने कौन-सी एंजिल आई और गोद में ले उसे समुद्र के किनारे ले आई, उसे उल्टा लिटाकर उसके पेट का पानी निकाला. बेहोश-सी प्रमिला को जब होश आया तो वह स्टीमर वाले लोगों से घिरी हुई थी, पर उसकी नजर उस परालौकिक-आध्यात्मिक आकृति को ढूंढ रही थी. सबसे पूछ रही थी कि जिसने मुझे समुद्र से निकाला, वह सफेद कपड़ों वाली स्त्री कहाँ है? सब हैरान थे, जवाब कौन देता? आज तक प्रमिला समझ नहीं पाई कि “आखिर….वो थी कौन?”

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

Leave a Reply