शिक्षा एवं व्यवसाय

विद्यालयों में नीतिगत शिक्षा होनी चाहिए

विद्यालयों में नीतिगत शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए, ताकि छात्रों में नैतिकता और अनुशासन का संचार हो. नीतिगत शिक्षा से छात्रों में आत्मनिर्भरता और विश्वास की प्रेरणा मिलती है. नीतिगत शिक्षा में पर्यावरण, विज्ञान, कला, योग और नैतिक शिक्षा सभी विषयों को विकसित करने का उत्तम माध्यम है. इस प्रकार बच्चों में एक नई ऊर्जा का संचार होता है और शिक्षा में सभी विषयों को रचनात्मक तरीके से सीखने का प्रयास करते हैं. इसलिए किसी भी कार्य को करने के लिए नीतिगत शिक्षा सबसे उत्तम है. नीतिगत शिक्षा से छात्रों में आत्मविश्वास का भी संचार हो सकता है. मैं 35 साल तक विभिन्न स्कूलों में नीतिगत शिक्षा की इंचार्ज रही हूँ. प्रार्थना-सभा में मुझे पांच मिनट का समय मिलता था. मैं दिन विशेष के अनुसार स्वरचित कविता-कथा सुनाती थी, कभी किसी छात्र को नीतिगत शिक्षा के लिए तैयार करती थी, कभी किसी अध्यापिका या प्रधानाचार्या की ड्यूटी लगा देती थी. इस तरह बच्चों को सबके उत्तम विचार जानने को मिलते थे. इसका उत्तम अनुशासन और उत्तम व्यवहार के रूप में उत्तम प्रभाव भी देखने को मिलता था. इसलिए हमारा मानना है कि विद्यालयों में नीतिगत शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए.

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

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