कविता

गुलमोहर के खिले हुए फूल…

 

गुलमोहर के खिले हुए फूलकवि किशोर कुमार खोरेंद्र's photo.
मुरझाने से पहले तुम्हें देखना चाहते है
गिरती हुई पंखुरियाँ तुम्हारे बालों में
उलझन चाहती हैं
शाखों की आड़ी तिरछी परछाईयाँ
मिलकर
हूबहू तुम्हारी तस्वीर बनाना चाहती हैं
जड़ें तुम्हे बिठाना चाहती हैं अपने करीब
ताकि तुम तने की पीठ पर
लिख सको फिर से मेरा नाम
सुन सको
मुझे छूकर तुम तक पहुंची
पुरवाई का कहना
अपने अपने अकेलेपन में
कुछ भी तो नहीं ना मना
आकार सहित मैं रहूँ या न रहूँ
असली बात तो यह है
यादों में, ख्यालों में ,सपनों में
एक दूसरे के रहना ही होता है
वास्तव में जीना

किशोर कुमार खोरेन्द्र

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.