आईना क्या बोलता है
एक खबर के अनुसार मेरठ छावनी बोर्ड ने इस बार, पहले की तरह पुरानी की नकल कर नयी मतदाता सूची न बनाकर, पुनः सर्वेक्षण के द्वारा बहुत प्रयास से नयी सूची जारी की है। इस मतदाता सूची में मतदाताओं की आयु सत्य से लेकर आश्चर्य की हद तक देखने में आयी है। लोगों की उम्र 540 वर्ष से लेकर 747 वर्ष तक भी देखने को मिली है। यही नहीं कुछ स्थितियाँ तो प्रकृति का नियम भी नहीं मानतीं। मसलन सुनील यादव की उम्र 112 वर्ष है तो उनके पिता कीआयु 72 वर्ष ।
पूछने पर छावनी बोर्ड प्रशासन का सीधा सा उत्तर था कि ऐसा लिपिकीय त्रुटि के कारण हुआ। उनके अनुसार, बहुत मेहनत से जुलाई 2014 को सूची तैयार की गयी। ये नवम्बर 14 तक फाइनल हुई और फरवरी 2015 तक इसे मुद्रण के लिये भेजा जा सका, अतः पुनिरीक्षण का ‘समय’ नहीं मिल पाया।
छावनी बोर्ड के जन संपर्क अधिकारी ने इसे कोई गंभीर समस्या न मानते हुए इसका सहज सा हल भी खोज लिया है। उनके अनुसार प्रथम दो अंकों को सही मान कर काम चला लिया जाएगा। अर्थात, सुनील यादव 11 वर्ष के हो जाएँगे औ उनके पिता 72 के। जन संपर्क अधिकारी महोदय शायद नहीं जानते की बच्चों को वोट देने का अधिकार अभी कानूनन संभव नहीं हुआ है।
हम तो समझते थे कि रक्षा विभाग और उससे सम्बद्ध कार्यालयों का काम बड़ा चाक-चौबन्द वाला होता है, पर यहाँ भी मुन्सीपाल्टी के ही कर्मचारी निकले !
हा हा हा हा… सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अगर इतने नालायक न होते, तो देश का सत्यानाश कैसे होता.