प्रेम में रंजीत कर जीवन प्रेममय कर दो!!
प्रेम में रंजीत कर, जीवन प्रेममय कर दो।
दिल के अंधेरे में, प्रेम का प्रकाश कर दो।।
मुझे प्रेमयुक्त दुनिया का, सफर करा दो।
सर्वत्र प्रेम बाटने लगे, मुझे ऐसा बना दो।।
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प्रेमभरी दुनिया से दूर हूँ नजदीक ला दो।
प्रेम का स्नान कर लूँ , कुछ ऐसा कर दो।।
जरूरत है मुझे प्रेम का तुम राह बता दो।
मैं प्रेम का मारा हूँ, मुझे मार्ग दिखला दो।।
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चलना इस पर कैसे है? मुझे सिखला दो।
महफिलों से मेरी, तनहाईयों को हटा दो।।
भीड़ में मुझे एकांत का, महसूस करा दो।
मेरे अंदर प्रेम रूपी दीपक को, जला दो।।
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प्रेमपूर्ण कर मुझे प्रेम का पुजारी बना दो।
मिलो दूर हूँ, इस दुनिया से भेट करा दो।।
अभिलाषी हैं, प्रेम करने का पुरा कर दो।
प्रेम में रंजीत कर जीवन प्रेममय कर दो।।
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@रमेश कुमार सिंह
धन्यवाद श्रीमान जी सादर नमन!!
वाह !