मुक्तक
1
सौरभ के संग खिलते सुमन।
बौराए मधुप करे गुन गुन ।
गुलशन में आयी बहार मस्त
कुहू कोकिल गाये मस्त धुन
2
रिश्तो में सद्भावना प्रेम बना रहे इतना ही काफी है।
भाव विह्वल हो एक दूजे से मिलते रहे इतना ही काफी है।
नहीं रह सकता हर कोई, हर समय हर किसी के साथ
याद करके भावाभिव्यक्ति करते रहे इतना ही काफी है।
शान्ति पुरोहित
मुक्तक साधारण हैं. इनमें और अधिक गहराई होनी चाहिए.
आपकी बात का ध्यान रखूंगी.
अच्छे मुक्तक. पहला मुक्तक अधिक सरस है.
धन्यवाद, भाई जी.
बढ़िया मुक्तक. पहला मुक्तक अधिक सरस है.