समाचार

आईना बोलता है

एक समाचार के अनुसार दारुल-उलूम, देवबंद ने हाल ही एक फतवा जारी किया है जिसमें दाढ़ी बनाना गैर इस्लामी है और कुफ्र का दर्जा रखता है।

अब आप इससे चाहे जो भी आशय निकालें, पर दाढ़ी साफ रखने वालों में नवाज शरीफ, जिन्नाह, फकरुद्दीन अली अहमद, सरहदी गाँधी, एपीजे कलाम, कई फिल्मी सितारे और नामचीन हस्तियाँ हैं,  जब कि दाढ़ी वालों में ओसामा बिन लादेन, मुल्ला उमर, आई एस के बगदादी, बोको हरम का सरगना अबू बकर शेख ऐसे लोग हैं।

मैं दारुल उलूम के उलेमाओं के आलिमी खिताब पर कोई तंज नहीं कर रहा हूँ, बस सिक्के का दूसरा पहलू उजागर कर रहा हूँ।

मनोज पाण्डेय 'होश'

फैजाबाद में जन्मे । पढ़ाई आदि के लिये कानपुर तक दौड़ लगायी। एक 'ऐं वैं' की डिग्री अर्थ शास्त्र में और एक बचकानी डिग्री विधि में बमुश्किल हासिल की। पहले रक्षा मंत्रालय और फिर पंजाब नैशनल बैंक में अपने उच्चाधिकारियों को दुःखी करने के बाद 'साठा तो पाठा' की कहावत चरितार्थ करते हुए जब जरा चाकरी का सलीका आया तो निकाल बाहर कर दिये गये, अर्थात सेवा से बइज़्ज़त बरी कर दिये गये। अभिव्यक्ति के नित नये प्रयोग करना अपना शौक है जिसके चलते 'अंट-शंट' लेखन में महारत प्राप्त कर सका हूँ।

One thought on “आईना बोलता है

  • विजय कुमार सिंघल

    ऐसे फ़तवे शुद्ध मूर्खता हैं। इनके कारण ही दुनियाभर में इस्लाम का मज़ाक़ उड़ता है।

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