गीतिका
दिल मेरा तुमने चुराया न होता
तो मै भी किनारों पे आया न होता
दिखाकर मुझे अपनी सारी अदाएं
दीवाना बनाकर रिझाया न होता
बताकर हुनर सादगी में तुम सयानी
मुझे पास अपने बुलाया न होता
फिजाओं में चाहत की खुशियाँ बिछाकर
दिशाओं को यूँ फुसलाया न होता
जमाना कहें चाहे मुझको दीवाना
इशारों ने मन बहलाया न होता
— महातम मिश्र
वाह आदरणीय सुंदर लाजवाब गीतिका जय माँ शारदे
सादर धन्यवाद आदरणीया श्री राजकिशोर मिश्र जी, जय माँ शारदे, जय माता दी
वाह…
सादर धन्यवाद वैभव दुबे जी