कोई अहसास जैसे लगते हो…
कोई अहसास जैसे लगते हो
मुझको विश्वास जैसे लगते हो।
तेरे चेहरे में क्या कशिश है ये
दिल को तुम खास जैसे लगते हो॥
सादगी का ये नूर क्या कहिये
प्यारी बातें हूज़ूर क्या कहिये।
क्यूं न दिल जां लुटाये इनपे कोई
चाहतों का सूरुर क्या कहिये॥
तुम कहीं कोई फरिश्ते तो नही
उसकी नेमत के गुलिस्ते तोे नही।
ये खुदी बोलती है खुद ब खुद
तुम कहीं नेकी के रिश्ते तो नही॥
तुम जो पहलू में आ गये मेरे
कितने सपने जगा गये मेरे।
हम तो छाये है सारी महफिल पे
और तुम दिल पे छा गये मेरे॥
दिल ने दिल को आवाज दी है सुन
दिल की दुनिया नवाज दी है सुन।
बरसों खामोश थी मोहब्बत भी
अब वफा ने आवाज दी है सुन॥
सतीश बंसल