गीत/नवगीत

दिल को अपने से लगते हो…

दिल को अपने से लगते हो, जाने क्यूं विश्वास है तुम पर।
हर धडकन में नाम तुम्हारा, दिल को भरोसा ख़ास है तुम पर॥

मंदिर का दीपक लगते हो, पूजा की श्रृद्धा लगते हो।
क्या तुमको बतलाऊ दिल की, इस दिल को क्या क्या लगते हो॥
बाद ईश के इस दुनिया में, बस मुझको विश्वास है तुम पर….
हर धडकन में नाम तुम्हारा, दिल को भरोसा ख़ास है तुम पर….

तुम मेरी मुस्काती सुबह, तुम सिन्दूरी शाम की शाम सरगम।
पाकर तुमको साथ सफर में, राह के पत्थर लगते हैं कम॥
चुन लोगे पथ का हर कांटा, आंख मूंद विश्वास है तुम पर…
हर धडकन में नाम तुम्हारा, दिल को भरोसा ख़ास है तुम पर……

अहसासों की डोर से बढकर, और भला क्या बंधन प्यारा।
उसने सारी दुनिया जीती, प्रीत में जिसने सब कुछ वारा॥
जितना मुरली पर राधा को, उतना ही विश्वास है तुम पर….
हर धडकन में नाम तुम्हारा, दिल को भरोसा ख़ास है तुम पर…..

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.