मैय्या-भजन
मेरी प्रकाशित पुस्तक ‘श्री हरि-भजनामृत” से नवरात्रों के लिए मैय्या-भजन
आई नवरातों की वेला मैय्या आ जाओ 6827/8.10.10
आके भक्तों को दरश दिखा जाओ-आई नवरातों की वेला————————
1.तेरे नाम की खेतरी बीजी अब है तेरे हवाले
खेतरी ही क्या जगजननी तू सारे जग को संभाले
जगजननी कमाल दिखा जाओ-आई नवरातों की वेला————————
2.तेरे नाम की जोत जलाई दूर करो अंधियारे
सूरज-चंदा भी तेरे दर से आएं लेने उजाले
आके ज्ञान की जोत जला जाओ-आई नवरातों की वेला————————
3.तेरे नाम की चुनरी मंगाई गोटे से खूब सजाई
बस इतनी-सी आरज़ू है स्वीकारो हे महामाई
ओढ़ो लालों-लाल बना जाओ-आई नवरातों की वेला————————
4.तेरे नाम से भवन सजाया आन विराजो मैय्या
अपनी कृपा की बरखा करदो मैय्या भव से तरैया
भवनांवाली दरश दिखा जाओ-आई नवरातों की वेला————————
(तर्ज़-हे गरीबनवाज़ मेरी बांहं फड़ लै————)
मेरे अंगनवा आय गई रे मेरी अम्बे भवानी 6830/10.10.10
अम्बे भवानी जगदम्बे भवानी-मेरे अंगनवा आय—————
1.प्रेम से मंगवाई लाल चुनरिया
उसपे सुनहरी गोटा-किनरिया
शीश पे अपने सजाय गई रे मेरी अम्बे भवानी-मेरे अंगनवा आय——–
2.प्रेम से मैं लाई लाल-लाल चूड़ा
हीरे-रतन से जड़ा है देखो पूरा
बांहों में अपने सजाय गई रे मेरी अम्बे भवानी-मेरे अंगनवा आय————–
3.प्रेम से सोने की पायलिया मंगाई
घुंघरू की खनक सुन आई महामाई
पायल पहनके रिझाय गई रे मेरी अम्बे भवानी
आकर रास रचाय गई रे मेरी अम्बे भवानी
भक्तों को संग में नचाय गई रे मेरी अम्बे भवानी-मेरे अंगनवा आय———
4.भाग जगाने आई महामाई
खुशियां-ही-खुशियां लाई महामाई
मुझको अपना बनाय गई रे मेरी अम्बे भवानी-मेरे अंगनवा आय———-
जीवन सफल बनाय गई रे मेरी अम्बे भवानी-मेरे अंगनवा आय————
(तर्ज़-भक्तों को दर्शन दे गई रे इक छोटी-सी कन्या————)
लीला बहन , आप के लिखे भजन बहुत सरल और अछे लगे .
प्रिय गुरमैल भाई जी, ये कल फंक्शन में गाने हैं. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.