कविता

कविता : एक प्रश्न

पश्चिमी सभ्यता के पैरोकार और धर्म का धन्धा करने वाले नैतिक-शिक्षा के ठेकेदार फिल्म-जगत से . . पूछना चाहता हूँ एक प्रश्न ?

मुझे पूछना है फिल्मी -दुनिया, के चाँद-सितारों से ।
क्या होगा नैतिक-शिक्षा के, दिखलावे के नारों से ?
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अर्द्धनग्न हो बहू-बेटियाँ, जहाँ पे नाचा करती हैं ।
‘भारत’ ऐसा देश नहीं, फूहड़ता जहाँ थिरकती है ।।
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नंगा-नाच लड़कियों से, करवाते हो, दिखलाते हो ।
नारी का सम्मान करो, यह नारा खूब लगाते हो !
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मुझे बताओ दोनों बाते, एक साथ कैसे सम्भव हैं ?
‘भारतीय-संस्कृति’ अपनाए, बिन यह सदा असम्भव है ।।

. . . . . . . . राम दीक्षित ‘आभास’

राम दीक्षित 'आभास'

राम मिलन दीक्षित 'आभास' , माता- प्रेम लता दीक्षित , पिता- राम प्रकाश दीक्षित , जन्म - 18 अगस्त 1987 , स्थायी निवास - ग्राम-पोस्ट अम्बरपुर, सिधौली, जिला सीतापुर (उ.प्र.) , शिक्षा - स्नातक , पुरस्कार - सी.ए. परीक्षा के लिए गोल्ड मैडल एवं प्रमाण पत्र , प्रकाशित कृति - "अन्तस के बोल" (काव्य संग्रह) , विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशन , लेखन विधाएं - छंद , कविता, कहानी , उपन्यास , ग़ज़ल , व्यंग्य , निबन्ध, आलेख , वर्तमान पता- सत्य सदन, 1/118, सेक्टर 1, जानकीपुरम विस्तार , लखनऊ - 226031 Mob. 09919120222 email- [email protected]