कुण्डली/छंद

‘फर्जी-डिग्री’ (कुण्डलिया)

राजनीति में ‘फर्जी-डिग्री’ होना मंत्रियों को मियादी बुखार होने जैसा है ।
यह बीमारी फिर से उखड़ गई है ।
इस पर देखिए मेरा एक छन्द . . .

बिना पढ़ाई चल रहे, राजनीति की चाल ।
‘डिग्री’ फर्जी हो गई, फिर क्यूँ करे बवाल ।।
फिर क्यूँ करे बवाल, पार्टी सत्ताधारी ।
मंत्री घपलेबाज, दुःखी जनता बेचारी ।।
सब में हैं दुई-चार, फजीहत बहुत कराई ।
चला रहे ‘आभास’ देश वे बिना पढ़ाई ।।

. . . . . . . राम दीक्षित ‘आभास’

राम दीक्षित 'आभास'

राम मिलन दीक्षित 'आभास' , माता- प्रेम लता दीक्षित , पिता- राम प्रकाश दीक्षित , जन्म - 18 अगस्त 1987 , स्थायी निवास - ग्राम-पोस्ट अम्बरपुर, सिधौली, जिला सीतापुर (उ.प्र.) , शिक्षा - स्नातक , पुरस्कार - सी.ए. परीक्षा के लिए गोल्ड मैडल एवं प्रमाण पत्र , प्रकाशित कृति - "अन्तस के बोल" (काव्य संग्रह) , विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशन , लेखन विधाएं - छंद , कविता, कहानी , उपन्यास , ग़ज़ल , व्यंग्य , निबन्ध, आलेख , वर्तमान पता- सत्य सदन, 1/118, सेक्टर 1, जानकीपुरम विस्तार , लखनऊ - 226031 Mob. 09919120222 email- rammdixit1@gmail.com