हाइकु – पायल / घुँघरू के दो अलग रूप
माथे बिंदिया,
बँधी पग पायल,
मुरीद पिया !
बजे घुँघरू,
फिर सारी रतिया,
ढला यौवन !
— अंजु गुप्ता
माथे बिंदिया,
बँधी पग पायल,
मुरीद पिया !
बजे घुँघरू,
फिर सारी रतिया,
ढला यौवन !
— अंजु गुप्ता
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सुंदर हायकू
aapka bhut bhut dhanyawad
वाह !!
Thanks a lot