मात्रा भारांक ——— १६/१२ पर
भारत ज्ञान पुंज संसारा /
कोकिल कंठ मधुर रसना मय गाता गीत हमारा/
देश विदेशी के अधरों पर,गंगा जमुनी धारा ।
जहाँ दिवाकर की किरनें जग, प्रथम करैं भिनुसारा ।
मंदिर के घंटो की ध्वनि में,साधक सुनैं विचारा ।
करैं निरंतर सकल जगत हित,ज्ञानी विविध प्रचारा ।
कल कल निर्मल गंग जमुन ढिंग,संगम वास सुखारा
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राजकिशोर मिश्र ”राज”
१४/०५/२०१६