मुक्तक :
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को समर्पित
जन-जन की आवाज सुनो क्यों उसी द्वंद को भूल गये
लिखा रक्त से जिसे समय ने उसी छंद को भूल गए
हां जिस ने इतिहास रचा था भारत का ही बेटा था
क्यों हाकी के उस जादूगर ध्यानचंद को भूल गये
— मनोज श्रीवास्तव
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को समर्पित
जन-जन की आवाज सुनो क्यों उसी द्वंद को भूल गये
लिखा रक्त से जिसे समय ने उसी छंद को भूल गए
हां जिस ने इतिहास रचा था भारत का ही बेटा था
क्यों हाकी के उस जादूगर ध्यानचंद को भूल गये
— मनोज श्रीवास्तव