अलग-अलग परिणाम !!!
परिस्थितियाँ एक नहीं होतीं,
हादसे एक नहीं होते,
कोई मर जाता है,
कोई जी जाता है,
कोई ज़िन्दगी खींच लेता है !
किसी के हिस्से गंगा आती है
कहीं यमुना
कहीं नाले का गन्दला पानी……..
कोई गंगा की लहरों में समा जाता है,
कोई गंदले पानी में कमल बन जाता है !
सुबह की किरणों के संग-
कोई गीत गाता है
कोई रोता है
कोई सूरज से होड़ लगाता है !
बन्धु,
अलग-अलग कैनवास हैं,
भावों के रंग हैं,
आकाश किसके हाथ होगा-
कौन जानता है !
— रश्मि प्रभा
बहुत सुन्दर कविता !
बहुत सुन्दर कविता !
प्रिय सखी रश्मि जी, सच है-
आकाश किसके हाथ होगा-
कौन जानता है?
अति सुंदर यथार्थ. एक सटीक व सार्थक रचना के लिए शुक्रिया.
प्रिय सखी रश्मि जी, सच है-
आकाश किसके हाथ होगा-
कौन जानता है?
अति सुंदर यथार्थ. एक सटीक व सार्थक रचना के लिए शुक्रिया.