एयर स्ट्राइक
पुलवामा हमले की तेरहवीं का दिन भी आ गया था, लेकिन शहीदों के परिवारों को किसी तरह से संतुष्टि मिलने की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही थी. सभी देशवासियों का मन भी मायूस -सा हो रहा था. सुबह-सवेरे अखबार खोला, तो ऐसी कोई खबर नहीं दिखाई दी, जिससे किसी सार्थक बदले की भावना दिखाई दे. बदला भी सार्थक होता है! यह बात कम ही लोग सोच पाते हैं, लेकिन सरकार और भारतीय वायु सेना ने यह संभव कर दिखाया. 40 शहीदों की तेरहवीं के दिन पीओके में एयर स्ट्राइक कर भारतीय वायुसेना ने आतंकी कैंपों को नेस्तनाबूद कर दिया. थोड़ी देर बाद ही यह समाचार आ भी गया था.
इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन की तैयारी पुलवामा हमले के बाद से हो रही थी और पाक को सतर्क होने का कोई मौका न मिले. पाकिस्तान को उलझाए रखने के लिए उड़ान भरने के लिए ग्वालियर एयरबेस को चुना गया. इन सबके बीच मोदी जी शांतचित होकर अपने सब काम नियमित रूप से कर रहे थे. ‘जो आग तुम्हारे दिल में है वही मेरे सीने में भी है’ कहने, ‘इलाका तुम्हारा होगा, वक्त और धमाका हमारा होगा’ कहने, ‘भारत पहले छेड़ता नहीं, लेकिन बाद में छोड़ता भी नहीं’ कहने, कुंभ के मेले में गंगा-स्नान करने, विधिपूर्वक पूजन-अर्चन करने, स्वच्छाग्रहियों के चरण पखारने, चुनावी-जनसभाएं करने, नींव रखने, उद्घाटन करने जैसे अनेक चेहरे दिखाई दिए, पर किसी चेहरे से अंदाजा नहीं लगाया जा सका, कि मोदी जी के मन में क्या चल रहा है? ऐसा ब्रह्मनेष्ठी चेहरा किसी-किसी का ही हो सकता है.
इस ब्रह्मनेष्ठी चेहरे ने एयर स्ट्राइक करवाई, पर निहत्थे नागरिकों या जवानों की बस पर नहीं, पाकिस्तान के उन जैश आतंकी कैंपों पर जहां ‘मानव बम’ बनते थे. यह एयर स्ट्राइक केवल बदले की भावना नहीं थी, यह था सार्थक बदला, आतंक की जड़ को नेस्तनाबूद करना.
एयर स्ट्राइक kके बदले पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक तो हुई ही, इसके अतिरिक्त पाकिस्तान ने लगातार आठ दिनों से आतंकी हमले जारी हैं. पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक में कैदी हुए विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान शुक्रवार को रात के लगभग 9:20 बजे स्वदेश लौट आए.
है अभिनंदन हे अभिनंदन,
तुम देश की माटी के चंदन,
तुम वर्तमान हो भारत के,
कर रहा भविष्य भी अभिनंदन.
अभिनंदन का अभिनंदन
है अभिनंदन हे अभिनंदन,
तुम देश की माटी के चंदन,
तुम वर्तमान हो भारत के,
कर रहा भविष्य भी अभिनंदन.
विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान शुक्रवार को रात के लगभग 9:20 बजे स्वदेश लौट आए
पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें बीएसएफ के हवाले किया, जहां से उन्हें दिल्ली ले जाया