होली की मस्त बहार,रंग बरसाने दो।
रंग दूँ रंग मैं लाल, पास तो आने दो।
गोरी ओढ़ी लाल चुनरिया।
काले नयन तीखी नज़रिया।
मोरनी सी रंग में साजे।
छन छन पग में घंघरू बाजे।
ढोल की मीठी ताल,कमर लचकाने दो।
रंग दूँ रंग मैं लाल, पास तो आने दो।
बदली आज रंगों की छाई।
प्रेम घड़ी मिलने की आई।
रंग रंगीला जीवन करदे।
नयनों के रंग मन में भरदे।
रख लूँ दिल में सँभाल,नयन मिल जाने दो।
रंग दूँ रंग मैं लाल, पास तो आने दो।
सखे मारो प्रेम पिचकारी।
प्रेम रंग की चढ़े खुमारी।
आज मन के रंग बरसाओ।
प्रेम के रंग में रंग जाओ।
फेंको रंग पिया लाल,’ शिव’ रंग जाने दो।
रंग दूँ रंग मैं लाल, पास तो आने दो।
— शिव सन्याल