7 हस्तांतरणीय क्षणिकाएँ
1.
अनुत्तरित
नेताजी के लापता-केस,
शास्त्रीजी के
संदेहास्पद मौत का
केस फ़ाइल बंद नहीं हुई है,
जो कि सीबीआई, रॉ
या अन्य एजेंसी भी
सुलझा नहीं पाए हैं?
2.
निंदक
आलोचना से
निंदक मत बनिए,
हर व्यक्ति
आपकी तरह
मजबूत नहीं है !
3.
एकांतता
हमारी स्थिति
जापानी तेल जैसी,
जिनका विज्ञापन
अकेले में निहारते लोग !
और उस रिंगकटर जैसी,
जिसे एकांत में लगाते हैं लोग !
4.
बेवफा सनम
मैं भी कृष्ण हूँ !
रंग कारे-साँवरे,
माँ का नाम यशोदा,
मौसी देवकी;
तो कई हैं मेरे साथ
‘बेवफ़ा सनम’ किए
कि अबतक
निपट कुँवारे योगी हूँ मैं !
5.
विरोध
जनसंख्या रोकने पर
विरोध क्यों ?
इसके लिए
‘विरोध’ नहीं,
‘निरोध’ की जरूरत है !
6.
पूजना
मनुओं द्वारा कृष्ण को अगर
विष्णु के अवतार
नहीं बनाए गए होते
यानी वह निपट ग्वाले होते,
तो क्या उसे
ब्राह्मण और क्षत्रिय पूजते ?
7.
हस्तक्षेप
फ़ेसबुक पर
यह व्यक्तिगत एकाउंट है,
किसी के बाप का नहीं,
फिर अन्य के द्वारा
हस्तक्षेप क्यों ?
इसपर हगूँ या मुतुं !