गणेश – स्तुति (छंद गीतिका)
हे गजानन दीन बन्धू , नेह वर्षा कीजिए,
पाप से कर मुक्त मुझको, पुण्य से भर दीजिए,
मोह के बंधन कसीले, दब गयी है भावना,
काट दे उर बन्ध मेरे, कर रहा हूँ प्रार्थना।।
डॉ. शशिवल्लभ शर्मा
हे गजानन दीन बन्धू , नेह वर्षा कीजिए,
पाप से कर मुक्त मुझको, पुण्य से भर दीजिए,
मोह के बंधन कसीले, दब गयी है भावना,
काट दे उर बन्ध मेरे, कर रहा हूँ प्रार्थना।।
डॉ. शशिवल्लभ शर्मा