इतिहास

वो जीते, वो जगन्नाथ !

पहली पुण्यतिथि पर डॉ. जगन्नाथ मिश्र याद आये । वर्ष 2019 में ‘जगन्नाथ’ चले गए, कई ‘मिश्रण’ सस्पेंस का छोड़ गए। डॉ. जगन्नाथ मिश्र का लम्बी बीमारी के बाद निधन 19 अगस्त 2019 को हो गया, तब वे 83 वर्ष के थे ! वे अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट थे।

अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर डॉ. मिश्र की मृत्यु के बाद वे कई ‘राज’ भी साथ लेकर चले गए ! चारा घोटाले की शुरुआत इन्हीं के तीसरे कार्यकाल में हुआ था । तीन बार मुख्यमंत्री रहे, तो आपातकाल का समर्थन भी किया ! इनके सहोदर बड़े भाई माननीय ललित नारायण मिश्र रेल मंत्री थे तथा पद पर रहते हुए समस्तीपुर जंक्शन के समीप बम-ब्लास्ट का शिकार हुए थे।

काँग्रेस, फिर राष्ट्रवादी काँग्रेस, फिर जनता दल यूनाइटेड जैसे पार्टियों में रहे ! माननीय पी वी नरसिंहराव की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, तो उनके पुत्र श्री नीतीश मिश्र श्री नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री थे। डॉ. मिश्र पिछले कई वर्षों से “मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान” के संरक्षक थे, जिनके तत्वश: उनसे मिलने का मुझे भी अवसर प्राप्त हुआ था । बिहार में उनके अंतिम कार्यकाल में शिक्षकों के वेतन अप्रत्याशितरूपेण बढ़ाये गए थे, जिनके लिए तमाम नियमित शिक्षक उनकी याद करते है।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.