‘गाँधी’ दीदी !
वे एकसाथ प्रतिभाशाली छात्रा, शिक्षिका, सुश्री अज़ीरा की माता और मेरे सहकर्मी व अनुजसम श्री आशुतोष कुमार झा जी की धर्मपत्नी हैं !
आशुतोष जी के आकस्मिक दुर्घटनाग्रस्त होने पर वे ‘कस्तूरबा’ भाँति न केवल सेवा की, अपितु विद्यालय में भी वे ‘गाँधी’ दीदी के रूप में ख्यात हैं!
जन्मदिवस पर पुनश्च शुभमंगलकामनाएँ !
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ध्यातव्य है, गाँधीजी कभी ताजमहल देखने नहीं गए, न ही हवाई जहाज में यात्रा किये; इसे मजदूरों का अपमान व धन का दुरपयोग समझते थे,
आप ऐसा कर पाएंगे?
साबरमती गुजरात की सबसे प्रदूषित नदी है, इसलिए महात्मा गाँधी को ‘साबरमती’ के संत नहीं, अपितु सम्पूर्ण भारत का संत कहना चाहिए ! फिर भारत ही क्यों वे तो वैश्विक संत थे।
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2 अक्टूबर की वैश्विक महानता में हम हिंदी फिल्मों की एक महान अदाकारा “आशा पारेख” के जन्मदिवस (2 अक्टूबर) को भूल गए !
आशा जी भारत के फ़िल्म सेंसर बोर्ड की अध्यक्षा रह चुकी हैं और पद्म अवार्डी भी हैं! वे अविवाहित हैं ।
महान लोगों की जन्मतिथि पर किसी अन्य लोगों की जन्मदिवस होने पर अन्य लोग गौण पड़ जाते हैं! आशा जी को विलम्बश: जन्मदिवस की शुभकामनाएं !