भूकम्प की भविष्यवाणी !
विज्ञान लेखक के रूप में मैंने 19-21 फरवरी- 2004 में राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला सभागार, नई दिल्ली में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘ तृतीय अखिल भारतीय विज्ञान सम्मलेन ‘ में बिहार के एकमात्र आमंत्रित प्रतिभागी के तौर पर भाग लिया था और “विशुद्ध pi तथा भूकंप की भविष्यवाणी ” शीर्षक से शोध – पत्र प्रस्तुत किया था । नेपाल और भारत के कई क्षेत्र में आये इस साल के भूकंप से ऐसा लगा कि मैंने उक्त शोध-पत्र में जो मान्यता स्थापित किया था, उससे मेल खाता है।
तब मैंने प्रधानमन्त्री कार्यालय, गृह मंत्रालय सहित बिहार राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण को शोध-पत्र सहित आवेदन भेजा, जिनमें बि.रा. आ.प्र.प्राधिकरण के जवाब संतोषप्रद नहीं थे । फिर प्रधानमन्त्री कार्यालय ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को, उनके द्वारा मौसम विज्ञान विभाग और भूगर्भ विज्ञान विभाग को, फिर राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के वैज्ञानिकों की टीम ने टिप्पणी देने में विलंब के बीच गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन विभाग को मेरा आवेदन अंतरित किया।
इसके 4 माह व्यतीत हो गए , मेरे शोध पर फाइनल रिपोर्ट नहीं आ पाने पर कशमकश के बीच 26 अक्टूबर 2015 को पाकिस्तान क्षेत्र में भूकंप आ गया, तब राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के वैज्ञानिक को स्पीड पोस्ट से आवेदन भेजते हुए 27 अक्टूबर 2015 को फेसबुक पर 2 पोस्ट किया–” एक सूत्र ‘ तबाही ‘ को रोक पाने में मददगार, पर भारत सरकार का अवांछित रवैया “, इसके बाद मुझे ‘ National Disaster Management Authority, Gout. Of India, New Delhi ‘ के पत्र सं. 5-09/2015-Mlitigation /दि. 10.11.2015 कल ही स्पीड पोस्ट से मुझे प्राप्त हुआ । मेरा शोध-सूत्र को Evolving of practical Earthquake Early Warning System (EQ-EWS) for natural disaster में शामिल करने के मुझे New Delhi आमंत्रित किया था।
आदरणीय महोदय,
सादर नमस्कार..
आपके Email पर आपके सेवार्थ सादर प्रेषित….
आपका यह शोध पत्र मैं पढ़ना चाहूँगा।