मेकअप
आईने में खुद को देख आत्ममुग्ध सुधीर सुनिधि पर चिल्लाते हुए बोला, “जल्दी करो! आखिर कितना मेकअप पोतोगी? दिखोगी तो वैसी ही… मुरझाई सी।”
उसका गुस्सा और विकृत सी मुस्कान सुनिधि के दिल को चीर सी गई ।
पल भर को पलकें उठीं… फिर, जल्दी से चेहरे को लीपते हुए घबराई सी बोली, “बस, चेहरे की यह चोट छुपा लूं, फिर चलते हैं।” उदासी पर मुस्कान का आवरण चढ़ाती हुई सुनिधि बोली।
आईना वही था, पर आईना मेकअप की एक नई कहानी सुना रहा था।
अंजु गुप्ता
हिसार