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एक शब्द है मियां मिट्ठू जिसका अर्थ तो सभी जानते हैं, स्वयं अपनी तारीफ करना. इस विषय पर प्रकाश मैं इस लिए डाल रहा हूं कि मेरे मित्र और मेरे सहयोगी हंसमुख, यारबाज श्री मंजीत सिंह मान ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी जिसपर मैने मियां मिट्ठू टिप्पण किया था. उनकी पोस्ट बड़ी माकूल लगी.
प्राय: हम सभी पति लोगों को अपनी अपनी पत्नियों से कभी भी प्रशंसा नहीं मिलती तानों के अलावा . ताने भी कैसे मेरे मां बाप ने न जाने किस के पल्ले बांध दिया सीधे सीधे यह तो नही कहती किस गधे के पल्ले बांध दिया.
आपको तो कुछ आता नही मतलब अव्वल दर्जे के गधे हो.
मैं न होती तो बर्बाद हो जाते, बिगडू हो. मेरी वजह से घर चल रहा है.
पति क्या नही करता अपनी पत्नी के लिए उसका कोई credit नहीं.
अंत में भाड़ में जाए मौन साध लेता है और हां हूं ही उसका उत्तर रह जाता है.
पति का भी मन होता है अपनी प्रशंसा सुनने का तभी वह स्वयं की तारीफ करते हुए ऐसी पोस्ट डाल देता है.