कविता

दिमागी बुखार और फंटूश दिनचर्या

सभी धर्मों की
बलि कुप्रथा
और रूढ़
परम्पराओं पर
रोक लगे !
कोई भी बलि
हिंसक स्थिति है !
हम शाकाहार,
योग और व्यायाम
अपनाकर
सभी तरह की
बीमारियों से
मुक्ति पा सकते !
गंदगी,
सर्वाहारी भोजन,
अनियंत्रित जनसंख्या,
अत्यधिक जनघनत्व,
कम जगह में
परिवार के
सभी सदस्यों का रहना !
दिमागी बुखार का कारण
हो सकता है,
देश में लाखों की संख्या में
संस्थाएँ हैं
और कुकुरमुत्ते की तरह
निरंतर उग भी रहे हैं !
खुद हम अपनी
‘फंटूश’ दिनचर्या बदले,
सबकुछ ठीक हो जाएगा !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.