सिर्फ वंदे मातरम !
वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम।
काम के पैसे,
मिलते कम,
वन्दे मातरम;
रहन-सहन है बेदम,
पर कहूँ वन्दे मातरम।
फल, अन्न, शुद्ध जल,
मिलते नहीं हरदम;
कहूँ फिर भी,
वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम।
खेत लोगों ने
हड़प लिया, हे माँ,
साजिश रच घर भी
खरीद लिया, माँ!
शिक्षक हूँ, पर पुकारते
नियोजित सभी,
कम वेतन है,
पर मिलते कभी-कभी ।
ऐसे में पढ़ते हैं,
वन्दे मातरम,
गाते हैं, पढ़ाते हैं,
वन्दे मातरम!
नियोजित भात,
नियोजित दाल,
औ’ नियत साइज का
पापड़ डाल ।
खाते-खिलखिलाते,
गाते वन्दे मातरम,
समान वेतनमान नहीं,
हनुमान हम।
तुमि विद्या, तुमि धर्म,
तुमि हृदय, तुमि मर्म;
तुमि हि प्राण-शरीरे,
मोती-हीरे।
हम पर
दया करो मातरम,
शस्य श्यामला
मातरम,
वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम।