कानून और नेत्रदान
नेत्रदान होता है महादान
आओ हम सभी
करने का वादा करें
लेकिन
ज़रा ठहरो
इससे पहले
आओ
महाग्राही का चयन करें
धृतराष्ट्र या गांधारी में से
किसी एक को चुनें
मगर
हमारा कानून!
धृतराष्ट्र और गांधारी
दोनों है
जन्म से अंधा
और आँखों पर पट्टी बाँधे….
न्याय प्रदाता और दंडाधिकारी भी
सर्वशक्तिमान भी
जनता की अतिम आस भी….
यही सबसे बड़ा जरूरतमंद है
यही महाग्राही है
आओ महादानी बनें
जनहित में
अंधे कानून को नेत्रदान करें।