क्षितिज
मिल रहा जहां
जमीं और आसमां है
नहीं दिख रहा कुछ
इस मिलन के बाद
दिख रहा
केवल मिलन
सच्चाई है यह
दिखता नहीं कुछ
मिलन के इन क्षणों में
दिखता है तो दोनों का आलिंगन
क्या है क्षितिज के उस पार
कर देता है यह मिलन
देखने के रास्ते सब बंद
क्षितिज के उस पार