बचपन की मीठी यादें
ओ बचपन की प्यारी मीठी यादें
ओ लड़ना-झगड़ना और फरियादें
ओ मान-मनव्वल और झूठी वादे
मुझे आज भी याद है,,,,
ओ बचपन के निश्छल भोले मन
ओ रहते हर पल पुलकित मगन
ओ किलकारी भरते सदा तनमन
मुझे आज भी याद है,,,,
ओ ईर्ष्या द्वेष से परे मीठी बातें
ओ रह-रह के करते मुलाकातें
ओ मिलके हंसते और मुस्कुराते
मुझे आज भी याद है,,,,
ओ निष्कपट मन मिट्टी की मूरत
ओ भोला-भाला सलौना सा सूरत
ओ रहते दिन-भर पलपल फुर्सत
मुझे आज भी याद है,,,,
ओ शरारत करते सुहाने पल
ओ पगडंडी में चलते निश्छल
ओ इतराते इठलाते बीते कल
मुझे आज भी याद है,,,,
ओ गांवों की संकरी गलियाँ
ओ खेलते कंचे और गिल्लियाँ
ओ आनन्द की किलकारियाँ
मुझे आज भी याद है,,,,
— अशोक पटेल”आशु”
सम्मानीय सम्पादक महोदय जी सादर नमस्कार।
आपको हृदय से धन्यवाद, साधुवाद,आभार।
ओपन हो गया।बहुत सुंदर साइट बनाया गया है।
बहुत अच्छा लगा।