गीत/नवगीत

सफलता का गीत

असफलता है एक चुनौती,दो-दो वार करो।
फैला चारों ओर अँधेरा,अब उजियार वरो।।
साहस लेकर,संग आत्मबल बढ़ना ही होगा।
जो भी बाधाएँ राहों में,लड़ना ही होगा।।
काँटे ही तो फूलों का नित मोल बताते हैं।
जो योद्धा हैं वे तूफ़ाँ से नित भिड़ जाते हैं।।
मन का आशाओं से प्रियवर अब श्रंगार करो।
असफलता है एक चुनौती,दो-दो वार करो।।
असफलता से मार्ग सफलता का मिल जाता है।
सब कुछ होना,इक दिन हमको ख़ुद छल जाता है।।
असफलता से एक नया,सूरज हरसाता है।
रेगिस्तानों में मानव तो नीर बहाता है।।
चीर आज कोहरे को मानव,कानफोड़ झंकार करो।
असफलता है एक चुनौती,दो-दो वार करो।।
भारी बोझ लिए देखो तुम,चींटी बढ़ती जाती है।
एक गिलहरी हो छोटी पर,ज़िद पर अड़ती जाती है।।
हार मिलेगी,तभी जीत की राहें मिल पाएँगी।
और सफलता की मोहक-सी बाँहें खिल पाएँगी।।
अंतर्मन में प्रवल वेग ले,नित जयकार करो।
असफलता है एक चुनौती,दो-दो वार करो।।
— प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]