रूपेश “हिंदी गौरव – 2022” सम्मान से सम्मानित हुए
बिहार के सीवान जिले के चैनपुर गांव के प्रख्यात युवा साहित्यकार रूपेश कुमार को विश्व जन चेतना ट्रस्ट, भारत के संस्थापक दिलीप कुमार पाठक ‘सरस’ एवं व्यवस्थापक ओम प्रकाश फुलारा ‘प्रफुल्ल’ जी के द्वारा विश्व हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर 2022 का हिंदी गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया । साहित्य जगत मे इनकी पहचान काफी उच्चस्तर पर है, इससे पहले इन्हें काफी राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है, रूपेश की साहित्य की चार पुस्तक दिल्ली एवं आसाम से प्रकाशित हो चुकी है जिनमे मेरी कलम रो रही है, मेरा भी आसमान नीला होगा, कैसे बताऊँ तुझे एवं मेरी अभिलाषा है 2022 मे इनकी नयी पुस्तक “रूप की कल्पना” आने वाली है जो साहित्य जगत की खूबसूरत शृंगार से भरा होगा। रूपेश अभी रिसर्च की तैयारी कर रहे है। रूपेश मे अद्भुत प्रतिभा है जो भौतिक विज्ञान का छात्र होते हुए भी साहित्य मे अपना पैर जमाए हुए है । इस उपलब्धि पर इनको बुलंदशहर की बीजेपी महिला मोर्चा की जिला मंत्री सह कैनवास कलाकार, कवयित्री कल्पना चौधरी, सुप्रीम कोर्ट दिल्ली की लॉ ऑफिसर सह कवयित्री अनुजा मिश्रा, मुजफ्फरपुर की लेक्चर निधी कुमारी, लखनऊ की शायरा प्रिया सिंह, राजस्थान की प्रोफेसर डॉक्टर टीना राव, आगरा की प्रोफेसर डॉक्टर विजय लक्ष्मी,मधुबनी से शिक्षिका डॉक्टर मीनाक्षी कुमारी, उत्तराखंड की प्रोफेसर डॉक्टर वसुंधरा जी, दिल्ली की प्रोफेसर डॉक्टर अनामिका रोहिल्ला, वाराणसी से उपन्यासकार अरुण कुमार, गोपालगंज से शायरा ज्योति किरण सिंह, जीवाजी विश्वविद्यालय की रिसर्च छात्रा मनीषा गिरी, दिल्ली की कवयित्री आशा दिनकर जी, आसाम से कवयित्री डॉक्टर दीपिका जी, वाराणसी से मेघना राय जी, सिलीगुड़ी से नीलू कानू प्रसाद जी, इत्यादी साहित्यकारों ने बधाईयाँ दी ।