कविता

इस उतरती सांझ में

चलो इस उतरती सांझ में
पहाड़ की गोद में बैठ कर
सिंदूरी धूप को शिखर चूमते हुए देखें ।

चलो इस उतरती सांझ में
दरिया के किनारे बैठ कर
उछलती गिरती लहरों को तट चूमते हुए देखें ।

चलो इस उतरती सांझ में
किसी पेड़ के नीचे बैठकर
नीड़ की ओर लौटते पंछियों का नर्तन देखें ।

चलो इस उतरती सांझ में
किसी पगडंडी पर बैठकर
थके-हारे बटोही को घर लौटते हुए देखें

चलो इस उतरती सांझ में
किसी उपवन में बैठकर
भंवरों को पंखुड़ियों पर प्रणय-गीत लिखते हुए देखें।

चलो इस उतरती सांझ में
किसी चूल्हे के पास बैठकर
आग की गर्माहट में मुहब्बतें पकती हुई देखें ।

चलो इस उतरती सांझ में
प्रियतम की गोद में सिर रखकर हवा को
जिंदगी की किताब के पन्ने पलटते हुए देखें ।

चलो इस उतरती सांझ में
कलम को कागज के हृदय पर सबके लिए
इबादत की नज्में लिखते हुए देखें ।
जीवन उत्सव …
रोज सुबह सूरज निकलता है
हर शाम ढल जाता है
आज फिर बीते कल में
बदल जाता है ।

इसलिए हर रोज
कुछ हिसाब रखा करो
जिसपे खुशियों के पल
लिख सको
अपने पास ऐसी किताब
रखा करो ।।

झेलते हुए लू-घाम – शीत
अंधेरों उजालों के सीने पर
उकेरते हुए प्रगति – गीत
शिखरों पर चढ़ा करो
नित आगे बढ़ा करो ।

दुर्दम्य आकांक्षाओं का
पीछा छोड़ कर
संतोष के बिखरे टुकड़े जोड़कर
सपने गढ़ा करो
नश्वर इस संसार की
क्षणभंगुरता पढ़ा करो ।

झरते हुए फूल गिरते हुए पत्ते
वसंत के आने की
आहट होते हैं
कभी इन्हें देखकर
शोकगीत मत गाया करो
ऐसे मौसम में
वसंतोत्सव की तैयारी में
जुट जाया करो ।

निराशाओं के गहरे भंवर भी
आशाओं के दीप से
उजियाया करो
गम सारे भुलाकर
हंसा करो मुस्कुराया करो ।

बादलों संग उड़ा करो
हवाओं संग गुनगुनाया करो
एक तरफ फैंक कर सब झमेले
लुत्फ़ मेले का उठाया करो ।

सब यहीं छूट जाएगा
यह सोचकर मन समझाया करो
जीवन एक उत्सव है
इसे उत्सव की तरह मनाया करो …।।

— अशोक दर्द

अशोक दर्द

जन्म –तिथि - 23- 04 – 1966 माता- श्रीमती रोशनी पिता --- श्री भगत राम पत्नी –श्रीमती आशा [गृहिणी ] संतान -- पुत्री डा. शबनम ठाकुर ,पुत्र इंजि. शुभम ठाकुर शिक्षा – शास्त्री , प्रभाकर ,जे बी टी ,एम ए [हिंदी ] बी एड भाषा ज्ञान --- हिंदी ,अंग्रेजी ,संस्कृत व्यवसाय – राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिंदी अध्यापक जन्म-स्थान-गावं घट्ट (टप्पर) डा. शेरपुर ,तहसील डलहौज़ी जिला चम्बा (हि.प्र ] लेखन विधाएं –कविता , कहानी , व लघुकथा प्रकाशित कृतियाँ – अंजुरी भर शब्द [कविता संग्रह ] व लगभग बीस राष्ट्रिय काव्य संग्रहों में कविता लेखन | सम्पादन --- मेरे पहाड़ में [कविता संग्रह ] विद्यालय की पत्रिका बुरांस में सम्पादन सहयोग | प्रसारण ----दूरदर्शन शिमला व आकाशवाणी शिमला व धर्मशाला से रचना प्रसारण | सम्मान----- हिमाचल प्रदेश राज्य पत्रकार महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत , हिमाचल प्रदेश सिमौर कला संगम द्वारा लोक साहित्य के लिए आचार्य विशिष्ठ पुरस्कार २०१४ , सामाजिक आक्रोश द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में देशभक्ति लघुकथा को द्वितीय पुरस्कार | इनके आलावा कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित | अन्य ---इरावती साहित्य एवं कला मंच बनीखेत का अध्यक्ष [मंच के द्वारा कई अन्तर्राज्यीय सम्मेलनों का आयोजन | सम्प्रति पता –अशोक ‘दर्द’ प्रवास कुटीर,गावं व डाकघर-बनीखेत तह. डलहौज़ी जि. चम्बा स्थायी पता ----गाँव घट्ट डाकघर बनीखेत जिला चंबा [हिमाचल प्रदेश ] मो .09418248262 , ई मेल --- [email protected]