आदमी है आदमी से मत कभी तकरार कर।
रोक दे तू युद्ध को मत देश का संहार कर।
मार डाले लोग इतने दानवी तू सोच ले,
देख कर भी तू जरा सा खौफ का इजहार कर।
रूस क्यों बर्बाद तू युक्रेन को है कर रहा,
दोस्ती जो यार की है तू वही सा प्यार कर।
मौत का मंजर बना है देख बंदे मर रहे,
आ जरा इंसान बन के ईश सा व्यवहार कर।
हक किसी का मार लेना बात यह अच्छी नहीं,
ज़िंदगी है दी सभी को बात यह स्वीकार कर।
— शिव सन्याल