तुझे चलना पड़ेगा
धूप में तुझे जलना पड़ेगा
ना चाहते हुए भी तुझे चलना पड़ेगा।
गर पांवों में पड़ गए है छाले
उन छालो पर मरहम तुझे ही लगाना पड़ेगा।
सिमट गई हो गर अरमानों की चांदनी
अपनी उम्मीदों का चिराग तुझे जलना पड़ेगा।
अपनी किस्मत का कितना भी हिसाब-किताब कर ले
एक दिन तुझे खुदा को हिसाब देना पड़ेगा।
शिकवा न कर अपने ज़ख्मों का
वक्त को तेरा हर ज़ख्म भरना पड़ेगा।
बड़ी मुश्किल है जीवन की राहें
उन राहों पर तुझे ही चलना पड़ेगा।
— विभा कुमारी “नीरजा”